पोस्टमैन
पोस्टमैन ओ दे गयो कागद पोस्टमैन, म्हारा पीव घर आसी जी आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी पतला पतला फलका पोस्यूँ, उजळी रान्धू खीर - २ आँगन बैठ जिमास्यूं म्हारी नणदल बाई रो बीर म्हारे मन री बात सुणास्यूं जद म्हाने गले लगासी जी आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी काजल टीकी लगाके करस्यूँ मैं सोळा सिणगार - २ बाट जोवते आंख्यां थकगी कद आसी भरतार म्हारा मेहँदी राच्या हाथ सजन ने घणा सुहासी जी आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी सावन बीते फागण जावे, बीता तीज त्यौहार - २ घणी अडिकी जद यो आयो मिलबा को त्यौहार ओ रंगां को त्यौहार सजन म्हारे रंग रंग जासी जी आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी